श्याम ही मीत है श्याम ही प्रीत है

श्याम ही मीत है
श्याम ही प्रीत है

श्याम ही जीवन है
श्याम ही प्रकाश है

श्याम ही सांस है
श्याम ही आस है

श्याम ही प्यास हैै
श्याम ही ज्ञान है

श्याम ही ससांर है
श्याम ही प्यार है

श्याम ही गीत है
श्याम ही संगीत है

श्याम ही लहर है
श्याम ही भीतर है

श्याम ही बाहर है
श्याम ही बहार है

श्याम ही प्राण है
श्याम ही जान है

श्याम ही संबल है
श्याम ही आलंबन है

श्याम ही दर्पण है
श्याम ही धर्म है

श्याम ही कर्म है
श्याम ही मर्म है

श्याम ही नर्म है
श्याम ही प्राण है

श्याम ही जहान है

श्याम ही समाधान है

श्याम ही आराधना है
श्याम ही उपासना है

श्याम ही सगुन है
श्याम ही निर्गुण है

श्याम ही आदि है
श्याम ही अन्त हैै

श्याम ही अनन्त है
श्याम ही विलय है

श्याम ही प्रलय है
श्याम ही आधि है

श्याम ही व्याधि है
श्याम ही समाधि है

श्याम ही जप है
श्याम ही तप है

श्याम ही ताप है
श्याम ही यज्ञः है

श्याम ही हवन है
श्याम ही समिध है

श्याम ही समिधा है
श्याम ही आरती है

श्याम ही भजन है
श्याम ही भोजन है

श्याम ही साज है
श्याम ही वाद्य है

श्याम ही वन्दना है
श्याम ही आलाप है

श्याम ही प्यारा है
श्याम ही न्यारा है

श्याम ही दुलारा हैै
श्याम ही मनन है

श्याम ही चिंतन है
श्याम ही वंदन है

श्याम ही चन्दन है
श्याम ही अभिनन्दन है

श्याम ही नंदन है
श्याम ही गरिमा है

श्याम ही महिमा है
श्याम ही चेतना है

श्याम ही भावना है
श्याम ही गहना है

श्याम ही पाहुना है
श्याम ही अमृत है

श्याम ही खुशबू है
श्याम ही मंजिल है

श्याम ही सकल जहाँ है
श्याम समष्टि है

श्याम ही व्यष्टि है
श्याम ही सृष्टी है

श्याम ही सपना है
बस श्याम ही तो अपना है

???सभी को जय श्री श्याम जी???


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