ऐसा नहीं है कि माँ को बनाकर

ऐसा नहीं है कि माँ को बनाकर खुदा ने कोई जश्न मनाया …
बल्कि सच तो ये है कि वो बहुत पछताया …..
कि कब उसका एक एक जादू किसी और ने चुरा लिया…..वो जान भी नहीं पाया …..

खुदा का नाम था मोहब्बत …वो माँ करने लगी …
खुदा का नाम था हिफाज़त …वो माँ करने लगी ….
खुदा का नाम था बरकत …वो भी माँ करने लगी ….

देखते ही देखते उसकी आँखों के सामने कोई और परवरदिगार हो गया ….
वो बहुत मायूस हुआ …बहुत पछताया ….
क्यूँकि माँ को बनाकर …खुदा खुद बेरोज़गार हो गया….

…………?????


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