छू लूँ तुझे या तुझमें

ओ मेरे “साँवरिया”
छू लूँ तुझे या तुझमें ही बस जाऊँ
लब्ज लिखूँ या खामोश हो जाऊँ
करूँ- इश्क या करूँ- मोहब्बत
थोड़ा सा तो दिखा प्यार “कान्हा”.
जिससे मैं तुझ में ही बस जाऊ
राधे राधे जी


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