भीतर क्षमा हो तो क्षमा निकलेगी

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*भीतर क्षमा हो, तो क्षमा निकलेगी..*
*भीतर क्रोध हो, तो क्रोध निकलेगा..*

*भीतर प्रार्थना हो, तो प्रार्थना निकलेगी..*
*भीतर नफरत हो, तो नफरत निकलेगी..*

*इसलिए जब भी कुछ बाहर निकले,*
*तो दूसरे को दोषी मत ठहराना,*

*यह हमारी ही संपदा है जिसको*
*हम अपने भीतर छिपाए हैं।*

????*सुप्रभात*????
आपका दिन शुभ हो


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