मेरे ठाकुर को मक्खन बहुत पसंद हैं

मेरे ठाकुर को मक्खन बहुत पसंद हैं, सब जानते है। ऐसा क्यों?
बहुत सोचने पे समझ आया कि, पहले दूध, फिर दही, फिर मक्खन और आखिर में घी…

दूध बोले तो आम इंसान।

दही बोले तो, जिस दूध में अध्यात्म गिरा हो।

मक्खन बोले तो, जिसने अपने आपको बिलो बिलोके दही की स्थिति से बाहर निकाला हो।

घी बोले तो वो, जिसने अपने आप को कभी ना बदलने वाले सत्य से मिला लिया हो।

हर मक्खन के कण कण में घी बनने की संभावना होती हैं,
शायद इस लिए मेरा ठाकुर मक्खन को अपना बनाके रखता है,
उसे अपना पूरा प्यार देता है। सीधे सीधे ना मिले तो चुराके भी खाता है।

हर साधक मक्खन होता है और कभी ना कभी मेरा ठाकुर उसे चुरा ही लेता है।
ठाकुर से मिलकर मक्खन घी बन जाता है,
?? राधे राधे जी सभी प्यारे के प्यारो को??
??प्रेम से बोले राधे राधे??


by

Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *