विधाता की अदालत में

*विधाता की अदालत में*
*वक़ालत बड़ी प्यारी है*
*ख़ामोश रहिये ..कर्म कीजिये*
*आपका मुकदमा ज़ारी है।*
*अपने कर्म पर विश्वास रखिए*
*राशियों पर नही….!*
*राशि तो राम और रावण की भी*
*एक ही थी…..!*
*लेकिन नियती ने उन्हें फल*
*उनके कर्म अनुसार दिया*

? *सुप्रभात्* ?
? * आपका हर पल मंगलमय हो *?


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