सबको दिया अनमोल रस

सबको दिया अनमोल रस,
मेरे दिल को तूने बिसराया है क्यों—
तुझपर ही सब कुर्बान किया,
अब विरह का जीवन दिखलाया है क्यो—
दिन भर उदास घूमते हम,
तूने एसा हमको बनाया है क्यो–
आ जाओ नंदलाल इस दिल मे,
हमको इतना ठुकराया है क्यो–
….साँवरे……???


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