Category: शुभ संध्या / शुभ रात्री

  • तुम चाहे बंद कर लो

    सांवरे…. तुम चाहे बंद कर लो दिल के दरवाजे सारे हम दिल मे उतर आएंगे कलम…✍?के सहारे….. ?? शुभ रात्रि, जय श्रीकृष्णा ?? ? राधे राधे ?

  • मैं तो पत्थर हूँ मेरे माता पिता शिल्पकार है

    मैं तो “पत्थर” हूँ; मेरे माता-पिता “शिल्पकार” है.. मेरी हर “तारीफ़” के वो ही असली “हक़दार हैं । ??शुभ रात्रि??

  • उम्मीद कभी आपको छोड़ कर नहीं जाती

    उम्मीद कभी आपको छोड़ कर नहीं जाती… आप ही उसे छोड़ देते हैं… किसी की मदद करने के लिये , “धन” की ही नहीं , एक अच्छे , “मन” की भी ज़रूरत होती हैं …. ??shubha ratri??

  • शयन भाव फ़ूलॊ कि सेज

    शयन भाव फ़ूलॊ कि सेज निस दिन सजाऊ मैं या झूले में झूला झुलाऊ मै …. हमारी विनती स्वीकार करो ??किरपा करो प्रभु किरपा करो …दासौ की ये सेवा स्वीकार करो विश्राम करो विश्राम करो ??प्रभु अब तो विश्राम करो …मेरे लल्ला सो जाओ,,,,,?? बहुत रात बीती चलो मैं सुला दूँ,,,, पवन छेड़े सरगम मैं…

  • तेरा मेरा करते एक दिन चले जाना है

    ????????? तेरा मेरा करते एक दिन चले जाना है, जो भी कमाया यही रह जाना है ! कर ले कुछ अच्छे कर्म, साथ यही तेरे जाना है ! रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं, लेकिन मुस्कुराने से… पराये भी अपने हो जाते हैं ! मुझे वो रिश्ते पसंद है, जिनमें ” मैं…

  • बुराई वो ही करते है

    ” बुराई वो ही करते है जो बराबरी नहीं कर सकते ” बस एक तज़ुर्बा लिया है ज़िन्दगी से.. अपनो के नज़दीक रहना है तो खामोश रहो और अपनो को नज़दीक रखना है तो कोई भी बात दिल पर मत लो ???शुभ रात्रि??? ??जय श्रीकृष्णा??

  • आँसू जानते हैं कौन अपना है

    आँसू जानते हैं कौन अपना है; तभी तो अपनों के सामने टपक जाते है। मुस्कुराहट का क्या है; वह तो ग़ैरों से भी वफ़ा कर लेती है..!! एक उम्र वो थी कि. जादू में भी यक़ीन था…! एक उम्र ये है कि. हक़ीक़त पर भी शक़ है….!! ?? जय श्री श्याम???शुभ रात्रि???

  • कभी भी ईश्वर को यह मत बताईये

    ????????? ?जय श्री राधे कृष्णा जी ?? कभी भी ईश्वर को यह मत बताईये, कि बहुत सी मुश्किलें है मेरे साथ ???????? *बल्कि मुश्किलों को यह जरूर बताईये, कि ईश्वर है मेरे साथ आपका रात्रि मंगलमय हो ?शुभ रात्रि जी ? ?????????

  • नफरतो को जलाओ तो

    नफरतो को जलाओ तो, मोहब्बत की रौशनी होगी, इंसान तो जब भी जले है, राख ही हुऐ है, ???शुभ रात्रि???

  • कभी आह ओठो पे आकर

    ????????????।। हे सांवरे :~कभी आह ओठो पे आकर।। मचल गयी ।। कभी आंसू बनके आंख से ।। ढल गये ।। ये तुम्हारे गम के चिराग है ।। कभी बुझ गये कभी जल गये ।। ????????????।। जय श्री राधे क्रष्ण शुभ रात्रि वंदन