बस जाएँ हम वृन्दावन में

?बस जाएँ हम वृन्दावन में,
ऐसी तो मेरी औकात नहीं?
?अगर राधा रानी कृपा करदे,
फिर मुश्किल कोई बात नहीं?
?वृन्दावन में जो दिन गुजरे,
वो दिन सबसे अच्छा है?।
?बरसाना में रात जो गुजरे,
उससे बेहतर कोई रात नहीं?
?काश मेरा घर तेरे धाम होता कन्हा,
मोहब्बत मेरे नसीब में ना सही
दिदार तो रोज होता?
?जिनके मुख से निकले “राधा” नाम,
वो लोग निराले होते है,?
?और जिसे मेरे “राधारमण”जू अपना ले ,
वो लोग किस्मत वाले होते है?
???जय श्री राधे राधे जी???


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