हित चाहने वाला पराया भी अपना है

हित चाहने वाला पराया भी अपना है
और अहित करने वाला अपना भी पराया है
रोग अपनी देह में पैदा होकर भी हानि पहुंचाता है
और
औषधि वन में पैदा होकर भी हमारा लाभ ही करती है।
शुभ रात्री


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