तेरे दरबार में आकर

तेरे दरबार में आकर, ख़ुशी से फूल जाता हूँ।*
गम चाहे कैसा भी हो, मै आकर भूल जाता हूँ।।
बताने जो बात आऊ, वही मै भूल जाता हूँ।
*ख़ुशी इतनी मिलती है कि, मांगना भूल जाता हूँ।।

।। जय श्री श्याम ।।


Tags:

Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *